सारस ने की विचार गोष्ठी
बारां। साहित्य रसिक समिति सारस द्वारा कोटा रोड स्थित निजी आवास पर आपरेशन सिंदूर विषय पर विचार गोष्ठी आयोजित की गई। अध्यक्षता कवि जगदीश जलजला ने की। संचालन श्याम अंकुर ने किया। प्रारंभ में मां शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रजवलित किया गया। सोनू सुरीला ने सरस सरस्वती वंदना की। पूरोधा कवि नरेंद्र मिश्र की कविता का वाचन जगदीश जलजला ने किया। श्याम अंकुर ने युद्ध काल में नागरिकों के कर्तव्यों पर प्रकाश डाला प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों के पालन का आवहान किया। इसके पश्चात काव्य गोष्ठी में राष्ट्रीय भावना से ओतप्रोत रचनाओं का पठन मयंक सोलंकी, नाथूलाल निर्भय, सोनू सुरीला, बृजभूषण चतुर्वेदी ब्रजेश, भैरव लाल भास्कर, ओम साहू, श्याम अंकुर, जगदीश जलजला ने किया। तारा साहू ने गोष्ठी की यवस्थाओं में सहयोग किया।
इस दौरान हुई ‘युद्ध काल में आम जनता की भूमिका“ विषय पर कवि जगदीश जलजला ने कहा कि यह हमारे पुरखों के इतिहास से ली गई सीख का परिणाम हैं। यही भारतीय विरासत है। युद्धकाल में नागरिकों की भूमिका राष्ट्र के लिए सकारात्मक होनी चाहिए। युद्ध कभी भी अच्छा नहीं होता। लेकिन आसुरी शक्तियों जब सात्विक प्रवृत्तियों पर अपना अधिकार करना चाहती हैं तब युद्ध प्रासंगिक हो जाता है। उन्होंने कहा कि सरहद पर सेना अपना पराक्रम दिखाती है लेकिन युद्ध पूरा राष्ट्र लड़ता है। राष्ट्र का एक एक नागरिक लड़ता है। युद्ध काल में यदि नागरिकों ने अपना धैर्य बनाकर नहीं रखा, शासन प्रशासन के आदेशों का पालन नहीं किया, नियम व निर्देशों का पालन नहीं किया, अगर उच्छृंखलता दिखाई तो हमारी सेना का शौर्य व पराक्रम बर्बाद हो सकता है।

Author: Third Eye News 24
सत्यमेव जयते